छत्तीसगढ़ में जमीन रजिस्ट्री के सिस्टम में 10 बदलाव:आधार से लिंक होगी प्रॉपर्टी; धोखाधड़ी से बचने जमीन लेने से पहले मिलेगी डिजिटल डिटेल
छत्तीसगढ़ में रजिस्ट्री प्रक्रिया में तकनीकी क्रांति! मंत्री ओपी चौधरी ने पंजीयन विभाग में आधार प्रमाणीकरण, ऑनलाइन सर्च, डिजीलॉकर जैसी 10 बड़ी सुविधाओं का ऐलान किया। इन सुधारों से न सिर्फ आम जनता को दस्तावेजों के पंजीयन में सहूलियत मिलेगी, बल्कि समय और पैसा भी बचेगा। सरकार का फोकस पूरी प्रक्रिया को तकनीकी रूप से सशक्त और भ्रष्टाचार मुक्त बनाना है

खबरदार न्यूज़ ✍🏻छत्तीसगढ़ में रजिस्ट्री से जुड़े काम अब और भी आसान और पारदर्शी होने जा रहे हैं। पंजीयन विभाग के कामकाज की समीक्षा करते हुए मंत्री ओपी चौधरी ने बड़े सुधारों की घोषणा की है। इन सुधारों से न सिर्फ आम जनता को दस्तावेजों के पंजीयन में सहूलियत मिलेगी, बल्कि समय और पैसा भी बचेगा। सरकार का फोकस पूरी प्रक्रिया को तकनीकी रूप से सशक्त और भ्रष्टाचार मुक्त बनाना है।
पंजीयन विभाग में तकनीकी बदलावों की लहर
रायपुर में आयोजित समीक्षा बैठक में मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि अब पंजीयन विभाग में कई तकनीकी सेवाओं को और सशक्त बनाया जाएगा। आम जनता को होम विजिट के माध्यम से पंजीयन कराने की सुविधा मिलेगी, साथ ही पारिवारिक दान और हकत्याग जैसे मामलों में सिर्फ 500 रुपये की पंजीयन फीस ली जाएगी। विभाग द्वारा 2979 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित करने पर सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की सराहना भी की गई।
आधार आधारित प्रमाणीकरण से होगी धोखाधड़ी पर लगाम
अब संपत्ति की रजिस्ट्री में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए आधार आधारित बायोमैट्रिक प्रमाणीकरण अनिवार्य किया जाएगा। इससे किसी भी पक्षकार की पहचान सीधे आधार डाटाबेस से सत्यापित होगी, जिससे असली मालिक की संपत्ति को कोई और नहीं बेच पाएगा। इससे वर्षों तक कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने से भी राहत मिलेगी।
ऑनलाइन सर्च, भारमुक्त प्रमाण पत्र और घर बैठे रजिस्ट्री
अब रजिस्ट्री (Chhattisgarh Registry Process Reform) से पहले संपत्ति का पूरा ब्यौरा ऑनलाइन सर्च कर देखा जा सकेगा और खसरा नंबर के जरिए पूर्व में दर्ज सभी दस्तावेजों को डाउनलोड किया जा सकेगा। वहीं संपत्ति खरीदने से पहले उसका भारमुक्त प्रमाण पत्र भी ऑनलाइन हासिल करना संभव होगा। इससे संपत्ति पर कोई ऋण या बंधक होने की जानकारी तुरंत मिल सकेगी।
कैशलेस भुगतान और डिजीलॉकर सेवाएं
पंजीयन शुल्क का भुगतान अब पूरी तरह से कैशलेस होगा। पक्षकार क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग या यूपीआई के जरिए भुगतान कर सकेंगे। साथ ही सभी रजिस्ट्री दस्तावेज अब भारत सरकार के डिजीलॉकर में स्टोर किए जाएंगे, जिससे भविष्य में कभी भी आसानी से दस्तावेजों की डिजिटल कॉपी ली जा सकेगी।
ऑटो डीड जनरेशन और डिजीडॉक्यूमेंट सुविधा
अब विलेख (डीड) जनरेशन की प्रक्रिया भी आसान हो गई है। दस्तावेज बनवाने, स्टाम्प खरीदने और अपॉइंटमेंट लेने के झंझट से मुक्ति मिलेगी। विलेख का प्रारूप कंप्यूटर में भरते ही दस्तावेज तैयार हो जाएगा और उप पंजीयक के समक्ष ऑनलाइन प्रस्तुत होगा। इसके अलावा शपथ पत्र या अनुबंध जैसे दस्तावेज अब डिजी डॉक्स के जरिए घर बैठे बनाए जा सकेंगे।
व्हाट्सएप अलर्ट और रियल टाइम अपडेट
पंजीयन प्रक्रिया से जुड़े हर स्टेप की जानकारी अब पक्षकारों को व्हाट्सएप के माध्यम से रियल टाइम पर दी जाएगी। आवेदन जमा करने से लेकर पंजीयन पूरा होने तक की सारी अपडेट अब एक क्लिक पर उपलब्ध होंगी, जिससे समय पर सही जानकारी मिल सकेगी।
स्वतः नामांतरण की सुविधा से मिलेगा बड़ा लाभ
सबसे बड़ी सुविधा (Chhattisgarh Registry Process Reform) यह है कि अब संपत्ति के पंजीयन के तुरंत बाद स्वतः नामांतरण की प्रक्रिया भी पूरी हो जाएगी। इसके लिए महीनों इंतजार या बिचौलियों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी। इससे न सिर्फ जनता का समय बचेगा, बल्कि आर्थिक बोझ भी कम होगा।
मंत्री ने दिए सभी सुधारों को प्रभावी रूप से लागू करने के निर्देश
मंत्री ओपी चौधरी ने सभी पंजीयन अधिकारियों को निर्देशित किया कि इन नए सुधारों को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए ताकि जनता को अधिकतम लाभ मिल सके। साथ ही पंजीयन कार्यालयों में फ्लैक्स और बैनर के जरिए इन सुविधाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार करने को भी कहा गया, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका फायदा उठा सकें।