(प्रीतेश अज्जू आर्य ✍🏻) : बिलासपुर – जगमल चौक के पास सुरंगनुमा दुकान मे मंगलवार को आग लग गयी.जिसमे भीतर रखा 40 लाख रूपये से अधिक का पटाखा जल गया. अगले दिन आगजनी की जाँच करने केंद्रीय विस्फोटक विभाग की महिला अधिकारी पहुंची. उन्होंने दुकान औऱ गोदाम का नक़्शा समेत उपलब्ध जरुरी संसाधनों को रिपोर्ट मे शामिल किया है.
जगमल चौक के पास पटाखा गोदाम मे सोमवार सुबह अचानक आग लग गयी. देखते ही देखते बम के धमाके होते रहे. दुकान संचालक बंटी उर्फ़ सोनू तलरेजा यहाँ बीते 15 सालो से पटाखा दुकान का संचालन कर रहा है.मोपका मे पटाखा गोदाम का लाइसेंस लेकर, संचालक इसका संचालन जगमल चौक के पास कर रहा है. बताया जा रहा है की घटना के वक्त इस सुरंगनुमा दुकान मे फायर सेफ्टी के कोई भी उपकरण मौजूद नही थे.पटाखा दुकान मे आग लगने कि घटना के बाद, मंगलवार को जाँच के लिए पेट्रोलियम और विस्फोटक सुरक्षा संगठन (PESO) की डिप्टी कंट्रोलर वी एस बडेओ मौके पर पहुंची और जाँच शुरू की.इधर इस घटना के बाद नींद से जागा प्रशासन अब जाँच कार्यवाही की बात कह रहा है.
पेट्रोलियम और विस्फोटक सुरक्षा संगठन (PESO)
भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आता है. यह संगठन विस्फोटकों से जुड़े नियमों और कानूनों का पालन सुनिश्चित करता है.मगर जगमल चौक स्थित पटाखा दुकान मे लगी आग ने कई सवालो को जन्म दिया है.रहवासी इलाके मे संचालित पटाखा दुकान मे लगी आग के बाद आसपास रहने वाले लोग डरे सहमें है. शहर के भीतर ऐसे एक दर्जन से अधिक पटाखा दुकान और गोदाम है जो बिना लाइसेंस के संचालित है.जिनके खिलाफ कार्यवाही की आवशयकता है।
ये हैं नियम
00- पटाखों की बिक्री या भंडारण पक्का शेड के अंदर होना चाहिए। शेड के निर्माण में बोरा, लकड़ी, पुआल आदि ज्वलनशील सामग्री के उपयोग को प्रतिबंधित है।
00- हर शेड या दुकान की आपस में दूरी कम से कम तीन मीटर होनी जरूरी है। पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी या अन्य ज्वलनशील या विस्फोटक की दुकानें पटाखा भंडारण स्थल से 15 मीटर दूर होनी चाहिए। मतलब साफ है ऐसी जगहों पर पटाख गोदाम की अनुमति नहीं मिलेगी।
00- पटाखा दुकान में लैंप, गैस लैंप या नेकेड लाइट को बैन किया गया है। बिजली के तार या स्विच खुले या क्षतिग्रस्त अवस्था में न हों।
गोदाम के लिए यह सब जरूरी शर्तें
00- पटाखा फैक्ट्रियों में एक समय में सिर्फ 15 किलो के बारूद से ही पटाखा बनाने की अनुमति दी गई है। पटाखा फैक्ट्री में पटाखा बनाने के कुछ मिनटों में इसे गोदाम व दुकान में शिफ्ट करना होता है। इसके बाद फिर 15 किलोग्राम बारूद से ही पटाखा बनाना होगा।
00- घनी आबादी से दूर होना चाहिए पटाखा गोदाम व कारखाना
00- पटाखा फैक्ट्री और दुकान आबादी के तकरीबन एक किलोमीटर दूर होनी चाहिए।
00- बिजली सप्लाई के लिए लगाए गए हाइटेंशन तार, ट्रांसफार्मर के आसपास फैक्ट्री नहीं होनी चाहिए।
00- अग्निशमन विभाग और संबंधित थाना पुलिस की एनओसी है अनिवार्य।
00- फैक्ट्री संचालक, दुकानदार को आतिशबाजी का अनुभव प्रमाण पत्र जरूरी है।
00- फैक्ट्री कर्मचारियों को अग्निशमन यंत्र चलाने की जानकारी होनी चाहिए।