मुंगेली प्रीतेश अज्जू आर्य ✍🏻/ गुरुद्वारा में वीर बाल दिवस श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया जिसमें विधायक पुन्नूलाल मोहले,जिला भाजपा अध्यक्ष शैलेश पाठक सहित कार्यकर्ताओं ने पुष्पांजलि अर्पित कर वीर बालकों को श्रद्धांजलि दी।
गुरुद्वारा में कीर्तन संगत के बाद विधायक पुन्नूलाल मोहले ने कहा कि 26 दिसंबर जिसे साहिबजादों की शहादत दिवस के रूप में जाना जाता है, सिख इतिहास और भारतीय संस्कृति में एक अत्यंत महत्वपूर्ण तिथि है इस दिन, सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह के दो छोटे साहिबजादों, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह जिन्होंने अपनी छोटी उम्र में धर्म और सिद्धांतों की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया था।
श्री मोहले ने कहा कि 26 दिसंबर को उन नन्हें साहिबजादों को श्रद्धा पूर्वक याद करने का दिन है। सरदार महेंद्र सिंह ने बताया कि मुगल साम्राज्य के दौरान पंजाब में सिखों के प्रमुख गुरु गोबिंद सिंह के चार पुत्र थे। 1699 में गुरु गोबिंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की, जिसका उद्देश्य धार्मिक उत्पीड़न से लोगों की रक्षा करना था गुरु गोबिंद सिंह के 4 बेटे हुए अजीत, जुझार, जोरावर और फतेह, जो सभी खालसा के सदस्य थे. दुर्भाग्यवश, मुगल सेना ने 19 वर्ष की आयु से पहले ही इन चारों की हत्या कर दी। उनकी शहादत को सम्मानित करने के लिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह घोषणा की थी कि 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
जो सिख इतिहास में एक महत्वपूर्ण तिथि है इस दिन का मुख्य उद्देश्य सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों, जोरावर सिंह और उनके छोटे भाई बाबा फतेह सिंह की बहादुरी को सम्मानित करना है यह निर्णय भारत सरकार द्वारा लिया गया है इसका लक्ष्य देश के युवाओं और बच्चों को उनके अद्वितीय योगदान और कार्यों के लिए सम्मानित करना है।
शहीद स्मारक जय स्तंभ पर मोमबत्ती जलाकर दी गई श्रदांजलि
गुरुद्वारा से वीर साहिबजादों की तस्वीर के साथ जुलूस की शक्ल में गोलबाजार,सदर बाजार,परशुराम जी चौक स्थित शहीद स्मारक जय स्तंभ तक पहुँचे और मोमबत्ती जलाकर वीर बालकों को श्रद्धांजलि अर्पित किया गया।
इस अवसर पर विधायक पुन्नूलाल मोहले,जिला भाजपा अध्यक्ष शैलेश पाठक, मोहन भोजवानी, द्वारिका जायसवाल, सुनील पाठक,कोटू दादवानी, सौरभ बाजपेयी, आकाश परिहार,त्रिपाठी,रामशरण यादव,लवी सलूजा,जितेंद्र दावड़ा,प्रवीण सोनी,आनद देवांगन, राहुल पाठक,पुहुप राम साहू आदि सहित सिख समाज की पुरूष एवं महिलाओं ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की।