मुंगेली प्रीतेश अज्जू आर्य ✍🏻: गुरु गोविंद सिंह जी के चार साहबजादों के अमर बलिदान के निमित्त वीर बाल दिवस के रूप में मूंगेली गुरुद्वारा में एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह आयोजन हिंदू धर्म संस्कृति सुरक्षा मंच, भारतीय जनता पार्टी, और मूंगेली के विभिन्न गणमान्य नागरिकों, मातृ शक्तियों, तथा सिख समाज के संगत के सभी आदरणीय सदस्यों के सहयोग से संपन्न हुआ।
कार्यक्रम का संचालन सिख समाज के अध्यक्ष गुरजीत सिंह मक्कड़ ने किया। सबसे पहले कु. आशी छाबड़ा ने साहबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह के बलिदान की पूरी कथा का वर्णन किया। इसके पश्चात मनिंदर सिंह गुम्बर ने अपने उद्बोधन में बताया कि कैसे विभाजन के समय लाहौर के 52% हिंदू परिवारों को अपना घर-बार छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी।
मूंगेली विधायक पुन्नूलाल मोहले ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, “अमर बलिदानी साहबजादे फतेह सिंह और जोरावर सिंह के बलिदान को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास सराहनीय है। यह हमारी भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।”
आकाश परिहार, संरक्षक, हिंदू धर्म संस्कृति सुरक्षा मंच, ने अपने वक्तव्य में कहा, “भारतीय इतिहास में साहबजादों के गौरवशाली बलिदान को इतिहास से हटाकर लुटेरों और आक्रांताओं का महिमामंडन किया गया। हमें अपने गौरवशाली इतिहास और संस्कृति पर गर्व होना चाहिए।”
वरिष्ठ भाजपा नेता मोहन भोजवानी ने गुरु गोविंद सिंह जी के अदम्य साहस को याद करते हुए कहा, “गुरु जी ने अपने चार साहबजादों के बलिदान पर कहा था, ‘चार बेटे खो दिए तो क्या, मेरे हजारों पुत्र अभी भी जीवित हैं।’”
कार्यक्रम के पश्चात गुरुद्वारा से पुराना बस स्टैंड तक गोल बाजार होते हुए एक भव्य रैली निकाली गई।