निलंबन के तीन दिन बाद,पटवारी ने कलेक्टर के नाम लिखा पत्र, कहां साहब मैं निर्दोष हूँ..एक पन्ने का सुसाइड नोट लिखकर पटवारी ने लगा ली अपने फ़ार्म हाउस में फांसी

बिलासपुर – भारतमाला प्रोजेक्ट के फर्जीवाड़े में निलंबित व नामजद पटवारी सुरेश मिश्रा ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली है। बहन के फार्म हाउस में पटवारी ने फांसी लगाई है। मौके से सुसाइड नोट और पत्र बरामद हुआ है। पटवारी ने खुद को बेगुनाह बताते हुए आरआई, कोटवार और गांव के एक अन्य पर गड़बड़ी करने का जिक्र किया है। एक पत्र में पटवारी ने खुद को निर्दोष बताते हुए अपनी बहाली के लिए कलेक्टर से निवेदन किया है। बताया जा रहा है, पटवारी का चार दिन बाद रिटायरमेंट था। पुलिस ने मामले में मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।
दरअसल, राष्ट्रीय राज्य मार्ग 130 ए बिलासपुर से उरगा के बीच ग्राम ढेंका में भारतमाला परियोजना में गड़बड़ी सामने आई थी। यहां भू अर्जन के साथ बंटवारा नामांतरण में गड़बड़ी की गई थी। जिसके कारण मुआवजा वितरण में शासन को बड़ी आर्थिक क्षति हो रही थी। जिससे प्रोजेक्ट भी बाधित हो गया था। शिकायत पर जिला स्तरीय कमेटी ने जांच की। जिसमें तत्कालीन तहसीलदार डीके उइके और तत्कालीन पटवारी सुरेश कुमार मिश्रा की संलिप्तता सामने आई। एक्शन लेते हुए 24 जून को तत्कालीन पटवारी को निलम्बित कर दिया गया। एक दिन बाद मामले में कलेक्टर के निर्देश पर वर्तमान तहसीलदार ने इसकी तोरवा थाने में लिखित FIR दर्ज कराई। जिसमें तत्कालीन पटवारी और तात्कालीन तहसीलदार के खिलाफ अलग- अलग धाराओं में FIR दर्ज किया गया था। शुक्रवार को FIR के दो दिन बाद पटवारी सुरेश मिश्रा ने ग्राम जोकी में अपनी बहन के फार्म हाउस में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। मौके से सुसाइड नोट और पत्र बरामद हुआ है। पटवारी ने खुद को बेगुनाह बताते हुए आरआई, कोटवार और गांव के एक अन्य पर गड़बड़ी करने का जिक्र किया है। एक पत्र में पटवारी ने खुद को निर्दोष बताते हुए अपनी बहाली के लिए कलेक्टर से निवेदन भी किया है। बताया जा रहा है, चार दिन बाद 30 जून को पटवारी रिटायर भी होने वाले थे। बहरहाल, पुलिस ने मामले में मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।