मुँगेली

नवरात्रि के पावन अवसर पर भवितव्य समिति द्वारा बी.आर. साव मैदान में गरबा महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया


मुंगेली ✍️नवरात्रि के पावन अवसर पर भवितव्य समिति द्वारा बी.आर. साव मैदान में गरबा महोत्सव का भव्य आयोजन किया गयामाता दुर्गा की आराधना और सांस्कृतिक परंपराओं को जीवंत करने वाले इस आयोजन की शुरुआत दीप प्रज्वलन और आरती के साथ हुई। समिति के सदस्यों और कार्यक्रम के मुख्य आयोजक करन ठाकुर ने मां दुर्गा के चरणों में दीप जलाकर गरबा का शुभारंभ किया। इसके साथ ही गरबा की रंगीन धुनों और पारंपरिक परिधानों से पूरा मैदान जगमगा उठा।कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण नवरात्रि की भक्ति में बालिकाओं एवं महिलाएं रहीं, जिन्होंने भारी वर्षा और कीचड़ को नज़रअंदाज़ कर पूरे उत्साह के साथ गरबा खेला। मैदान में जगह-जगह पानी भरने और इस गरबा महोत्सव में प्रमुख रूप से श्रीराम प्रॉपर्टीज़ के डायरेक्टर रिशु सिंह, बाबू सिंह, स्वप्निल सिंह मौजूद रहे। आयोजन को सफल बनाने में समिति के सक्रिय सदस्य करण ठाकुर, अविरल सिंह श्रीनेत,ऋतुराज सिंह, वासु राजपूत, अंशु सिंह, जयचंद सिंह, व्यास सिंह, प्रद्युम सिंह, वासु पांडे,मुकेश वैष्णव,योगेश मिश्रा,और अमन सिंह सहित कई युवाओं का विशेष योगदान रहा। इन सभी ने मिलकर न केवल आयोजन को सुसंपन्न बनाया, बल्कि पूरे मैदान की व्यवस्थाओं पर भी व्यक्तिगत रूप से नज़र रखी।फिसलन होने के बावजूद लोगों का जोश कम नहीं हुआ। समिति के कार्यकर्ताओं ने पूरे समर्पण से मैदान को साफ कराने का काम किया, ताकि कार्यक्रम निर्विघ्न रूप से संपन्न हो सके।
मुंगेली में दिनभर मूसलधार वर्षा हुई। शाम तक मैदान में जगह-जगह कीचड़ और पानी भर गया था। एक समय तो ऐसा लगा कि कार्यक्रम रद्द करना पड़ेगा। लेकिन समिति के सदस्यों की मेहनत और जज़्बे ने असंभव को संभव कर दिखाया। सभी ने मिलकर मैदान को साफ कराया और सुरक्षा इंतज़ाम सुनिश्चित किए। नतीजतन, जैसे ही ढोल-नगाड़े और संगीत की धुनें बजीं, महिलाएं और बच्चियां रंग-बिरंगी ड्रेस पहनकर गरबा खेलने मैदान में उतर आईं। कीचड़ से सनी ज़मीन पर भी उनका उत्साह कम नहीं हुआ।

सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा
गरबा महोत्सव केवल एक मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि सांस्कृतिक परंपरा और सामूहिक उत्सव का प्रतीक भी है। आयोजक करन ठाकुर ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य समाज में एकता और परंपराओं के प्रति आस्था को मज़बूत करना है। नवरात्रि केवल उपवास और पूजा का पर्व नहीं, बल्कि यह नौ दिनों तक ऊर्जा, सकारात्मकता और देवी शक्ति की आराधना का समय है। इसी संदेश को गरबा महोत्सव ने जीवंत रूप दिया।


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Pritesh Arya

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