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स्वतंत्रता संग्राम में जनजाति समाज का शौर्यपूर्ण योगदान


मुंगेली स्थित शासकीय नवीन कन्या महाविद्यालय परिसर में आयोजित जनजाति गौरव समाज का स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान को स्मरण किया गया।जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में राजकुमार कश्यप,विशिष्ट अतिथि विजय नंदवानी सामाजिक कार्यकर्ता,विजय निषाद गौ सेवा प्रमुख के आतिथ्य में संपन्न हुआ।अपने उद्बोधन में राजकुमार कश्यप ने बताया कि मुगलों, अंग्रेजों और विदेशी षड्यंत्रों के कारण जनजाति समाज को कमतर रखा गया।फिल्मों,साहित्यों में इन्हें असभ्य,डरावना,भोले भाले दिखाने का प्रयास किया गया।इनके द्वारा विभिन्न महल बनाएं गए जो आज के अनेक सिविल इंजीनियर भी शोध कार्य में वहां तक पहुंचने में असफल हैं।अपना झोपड़ी उन्हें पसंद है।प्रकृति संरक्षण का काम जनजाति समाज हजारों वर्षों से करते आ रहे हैं।रानी दुर्गावती,भगवान बिरसा मुंडा,स्वतंत्रता सेनानी वीर नारायण सिंह के किए गए कामों और राष्ट्र को बचाने में उनके योगदान को अनेक प्रसंगों के माध्यम से बताने का प्रयास मुख्य वक्ता के द्वारा किया। अटल बिहारी वाजपेई विश्व विद्यालय से संबद्ध सभी कॉलेजों में इस वर्ष जनजाति गौरव गाथा के अंतर्गत अनेक गोष्ठियां,सेमिनार,संवाद सम्मेलन करने की योजना है।विजय नंदवानी ने तकनीकी के माध्यम से जनजाति अस्मिता को समझने का नए पीढ़ी को संदेश दिया।हम सभी जनजाति समाज से जुड़े हुए हैं।आगे भी इस प्रकार कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।वहीं संस्था के प्राचार्य मदन कश्यप ने वर्तमान महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को जनजाति गौरव का प्रतिमान बताया।42 उपजातियों में विभाजित समाज का बहुलता छत्तीसगढ़ में अधिकता को रेखांकित किया।कार्यक्रम में गौ सेवा प्रमुख विजय निषाद ने परिवार के साथ पर्यटन के लिए वन भ्रमण करने का सुझाव दिया।आदिवासियों के संस्कृति को नजदीक से समझने का आग्रह किया। एन के शर्मा ने बच्चियों को प्रेरणा कहा।कॉलेज के संयोजक केकरकेट्टा मैम,सह संयोजक तिग्गा सर सहित ,राजेश भोसले,सहित अतिथि प्राध्यापक और बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित रहें


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