राज्य निर्वाचन आयोग ने 20 जनवरी को छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू कर दी थी। इसके चलते सरकारी कामकाज ठप हो गए थे। सरकार न तो कोई नई घोषणा कर सकती थी और न ही किसी नए कार्य का उद्घाटन या शिलान्यास कर सकती थी। ट्रांसफर और पोस्टिंग पर प्रतिबंध था, साथ ही बिना कलेक्टर की अनुमति अधिकारियों और कर्मचारियों को छुट्टी भी नहीं मिल रही थी।
हालांकि, 15 फरवरी को नगरीय निकाय चुनाव की मतगणना के बाद, उसी शाम राज्य निर्वाचन आयोग ने शहरी क्षेत्रों में आचार संहिता समाप्त करने की घोषणा कर दी। यानी, 15 फरवरी से शहरी इलाकों में आचार संहिता लागू नहीं रही।

गौरतलब है कि नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों का कार्यक्रम एक साथ जारी किया गया था, और आचार संहिता 25 फरवरी तक लागू रहनी थी। लेकिन आयोग ने नगरीय क्षेत्रों में मतगणना के तुरंत बाद आचार संहिता में ढील देते हुए इसे दस दिन पहले ही हटा दिया।