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धान खरीदी के मुद्दे को लेकर गरमाया सदन, भूपेश बघेल और अजय चंद्राकर के बीच हुई तीखी नोकझोंक,


भूपेश बघेल और अजय चंद्राकर के बीच हुई तीखी नोकझोंक,

रायपुर प्रीतेश अज्जू आर्य ✍🏻2024 छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया है। पहले दिन बैठक की शुरूआत में सदन में राजगीत अरपा पैरी के धार गाया गया। इसके बाद विधानसभा के पूर्व दिवंगत सदस्यों को श्रद्धाजंलि दी गई। उनके सम्मान में कुछ देर कार्यवाही स्थगित रहने के बाद फिर से कार्यवाही शुरू हुई है। प्रश्नकाल के दौरान सदन में कांग्रेस सरकार के समय सरकारी जमीनों पर कब्जे का और सड़कों के निर्माण के लिए वन विभाग से अनुमति का मुद्दा गूंजा।

इसके बाद शून्यकाल में कई संशोधन अध्यादेश, अंकेक्षण रिपोर्ट, वार्षिक प्रतिवेदन सदन के पटल पर रखी गई। इस दौरान स्थगन प्रस्ताव के जरिए कांग्रेस विधायक भूपेश बघेल ने धान खरीदी की अव्यवस्था मुद्दा उठाया। भूपेश बघेल ने कहा कि टोकन सिस्टम में भारी अव्यवस्था है। ऑनलाइन-ऑफलाइन के चक्कर में छोटे-बड़े किसान पिस रहे हैं। बरदाना नहीं हैं। धान खरीदी हो पाएगी या नहीं? इस बात को लेकर किसान डर रहे हैं। इस दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों ने टोकाटाकी की। उन्होंने कहा कि राइस मिलर्स आपके समय का भुगतान मांग रहे हैं।आपने अपने समय का भुगतान क्यों नहीं किया? इस पर भूपेश बघेल ने कहा कि धान खरीदी केंद्र में किसानों से पैसा मांगा जा रहा हैं। दो तरह की मशीन नमी मापने के लिए है। इसके बाद सदन में हंगामा हुआ। पक्ष और विपक्ष के विधायक ने नारेबाजी शुरू की।

अजय चंद्राकर ने कहा कि भूपेश बघेल किस नियम के तहत भाषण दे रहे हैं। भूपेश ने कहा स्थगन प्रस्ताव की ग्राह्यता पर। अजय चंद्राकर बोले, अभी तो विषय ग्राह्य हुआ नही, फिर भाषण क्यों? हंगामें के बीच विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने संक्षिप्त में अपनी बात रखने की अपील की। वहीं कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने धान खरीदी का मुद्दा उठाया और कहा कि 21 क्विंटल के हिसाब से टोकन नहीं मिल रहा है। प्रदेश भर के किसान परेशान है। सत्तापक्ष से धर्मजीत सिंह, अजय चंद्राकर ने फिर आपत्ति जताई और कहा कि शून्यकाल में धान पर चर्चा हो रही। फिर ग्रह्यता पर ही निर्णय ले लिया जाए। विधानसभा अध्यक्ष ने आगे ग्रह्याता पर चर्चा जारी रखने की व्यवस्था दी।

इस मुद्दे पर भाजपा विधायक ने अपनी ही सरकार को घेरा

इससे पहले प्रश्नकाल में भाजपा विधायक सुशांत शुक्ला ने बिलासपुर में अवैध कब्जे का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय अफसरों से मिलीभगत कर 13 हजार से अधिक कब्जे हुए हैं। उन्होंने सरकार से इसकी जांच की मांग की। विधायक शुशांत ने कहा कि पिछले 5 साल में जो भूमि पुराण लिखा गया है, उसके चक्कर में कई परिवारों को गरुड़ पुराण सुनना पड़ गया। राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने विधायक सुशांत के सवाल के जवाब में कहा कि 2021 से 25 नवंबर 2024 तक जिले में 563 शिकायत मिली है। 256 मामले में सरकारी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया। मंत्री के जवाबों से असंतुष्ट विधायक ने कहा कि उड़ता पंजाब की तरह उड़ता जमीन का मामला दिख रहा है। मंत्री का जवाब गलत है। पूर्व सरकार में सरकारी जमीन को बंदरबांट हुई, कितने अधिकारी पर करवाई हुई है। मंत्री ने कहा कि कलेक्टर की कमेटी बनाएंगे, जांच कराएंगे।

विधायक प्रबोध मिंज ने उठाया यह मुद्दा

वहीं कांग्रेस विधायक प्रबोध मिंज ने वन मंत्री केदार कश्यप से पूछा कि सरगुजा जिले में 2021-22 तक किन सड़कों के निर्माण के लिए वन विभाग से अनुमति मांगी गई। मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि सरगुजा जिले में 25 मार्गों के निर्माण के लिए अनापत्ति मांगी गई है। किसी भी प्रकार के अनापत्ति जारी नहीं की गई है। इसके बाद प्रबोध मिंज ने कहा कि कई सड़क चौड़ी हो गई हैं, अगर किसी भी प्रकार की अनापत्ति जारी नहीं की गई है, तो यह सड़क कैसे चौड़ी हुई। इसकी जांच की जानी चाहिए। इस मांग के होते-होते प्रश्न कल के खत्म होने का समय हो गया था। डॉक्टर रमन सिंह ने प्रश्न काल समाप्त करने की घोषणा कर दी।


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