मुँगेली

देर रात तक बजते डीजे और अन्य वाद्य यंत्रों के शोर नगर में बढ़ता जा रहा ध्वनि प्रदूषण : अब ना दिन में चैन ना रात को आराम


शादी के सीजन में शोर रात में पढ़ाई करने वाले कॉलेज के विद्यार्थियों पर पड़ रही भारी

मुंगेली प्रीतेश अज्जू आर्य ✍🏻। शहर में इन दिनों में कोलाहाल अधिनियम की धज्जियां की उड़ रही है। देर रात तक कानफोडू आवाज में बजते डीजे और बैंड बाजे से लोग काफी परेशान हैं। शादी के ने सीजन में शोर रात में पढ़ाई करने वाले कालेज के विद्यार्थियों पर भारी पड़ रहा है।

शहर के विभिन्न चौक क चौराहों से लेकर गली मोहल्लों में कानफोडू डीजे और बैंड-बाजे की आवाज गूँज रही है। किसी तरह की रोकटोक न होने से देर रात तक के बेधड़क डीजे बजते रहते हैं। इन दिनों बड़े पैमाने पर शहर में शादियां हो रही — है। वैवाहिक कार्यक्रम में देर रात तक कर बजते डीजे और अन्य वाद्य यंत्रों के शोर लोगों को परेशान कर रहा है।

ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर किसी तरह की रोक नहीं लग पाने से लोग परेशान हैं। सबसे ज्यादा परेशानी कॉलेजों की परीक्षा तैयारी कर रहे छात्रों को हो रही है

रात के समय माहौल शांत रहता है, सोचकर जब विद्यार्थी पढ़ाई करने बैठते हैं तब उन्हें डीजे की आवाज परेशान कर देती है। प्रशासन को कोलाहल अधिनियम के तहत जुमार्ना करने का अधिकार भी है। दोषी के कारावास का भी प्रावधान है। बावजूद इसके किसी पर भी कार्रवाई नहीं हो रही है। तेज आवाज में बजने वाला डीजे कमजोर दिल वाले, उम्रदराज व हृदय रोग से पीड़ितों या फिर कम उम्र के बच्चों के लिए प्राणघातक भी बन सकता है। डीजे120-130 डेसीबल तक शोर पैदा करता है। यह खतरनाक ध्वनि प्रदूषणकी श्रेणी में आता है। इस दौरान ध्वनि में कंपन बेहद अधिक बढ़जाती है। यही कंपन हृदयरोगियों के लिए जानलेवा हो सकती है। बड़े साउंड बाक्स के जरिए बजने वाले गानों की धुन भी कुछ अलग अंदाज में होती है। भारी-भरकम आवाज और कानफोडू संगीत से कुछ समय के लिए तो ऐसा लगता है, जैसे आसपास का माहौल अचानक बदल गया हो। मसलन, घरों की दीवारें, दीवारों पर टंगे बर्तन और जमीन सब-कुछ कांपने लगते हैं। जानलेवा शोर के दौरान कंपन का स्तर खतरनाक हो जाता है। मंदिरों एवं शादी भवनों के आसपास घंटों बैंड-बाजे एवं डीजे बजते रहते हैं जिससे वहां पर रहने वाले आसपास के निवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। परीक्षा नजदीक आते ही बोर्ड केविद्यार्थियों एवं उनके पालकों द्वारा परीक्षा की तैयारियां की जा रही हैं। पढ़ाई के समय शोरगुल होने से विद्यार्थियों की पढ़ाई में बाधा उत्पन्न हो जाती हैं। शहर के दर्जनों ऐसे स्थान हैं, जहां हमेशा वैवाहिक कार्यक्रम संपन्न होते हैं और पार्टियां आयोजित होती हैं। पार्टियों में देर शाम होते ही डीजे की धुन शुरू हो जाती हैं, जो देर रात तक चलता हैं। नगर के प्रमुख मंदिरों में शादी के समय विशेष पूजा-अर्चना की जाती हैं। मंदिर के आस-पास वैवाहिक कार्यक्रम वाले लोग प्रायरू डीजे एवं लाउड स्पीकर में बैंड पार्टी के साथ नगर भ्रमण करते हैं। जिसकी वजह से परीक्षार्थी हलाकान हैं। इसके कारण पालक भी खासे परेशान


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Pritesh Arya

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