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सातवें दिन केकई संवाद और रामबन गवन की कथा सुन श्रोता हुए भावुक


छत्तीसगढ़ के मुंगेली में जगतगुरु कन्नौजपीठाधीश्वर के मुखारबिंद से चल रही राम कथा

मुंगेली// छत्तीसगढ़ राज्य के मुंगेली में चल रही जगतगुरु कन्नौज पीठाधीश्वर राष्ट्रीय संत अतुलेसानंद जी महाराज के मुखारबिंद से चल रही कथा में भक्त श्री रामरूपी अमृत कथा का श्रवण कर रहे है आज कथा के सातवें दिन महाराज जी द्वारा राम सीता बिबाह के आगे की कथा सुनाते हुए बताया कि किस प्रकार राम के गुरु वसिष्ठ द्वारा समस्त मंत्रियों और महाराज दशरथ से विचार विमर्श कर राम को राजा बनने की घोषणा की। और ठीक उसके विपरीत राम को बन जाना पड़ा । केकई को मंथरा नामक दासी के द्वारा भड़काने पर वह कोप भवन पहुंच गई। जब महाराज दशरथ को पता चला तो उन्होंने रानी केकई से कारण पूछे जाने पर महारानी द्वारा देवासुर संग्राम में जान बचाने के बदले दिए गए दोनों वरदान में एक वरदान में भरत को राजा और दूसरे वरदान में राम को 14 बर्ष का बनबास मांगा। इसका पता माता सीता और लक्ष्मण को लगने पर प्रभु राम के साथ सीता और लक्ष्मण जी भी बनवास के लिए चले गए। महाराज जी द्वारा आगे बताया गया कि किस प्रकार निसादराज ने लक्ष्मण जी को अपना गुरु माना और भगवान के चरण धोने के बाद नाव में बैठाकर अपना जीवन धन्य किया ।ज्ञात को कि कन्नौज पीठाधीश्वर राष्ट्रीय संत अतुलेसानंद के मुखारबिंद से इन दिनों छत्तीसगढ़ के मुगेली की जनता धर्म लाभ ले रही है । कथा में महाराज जी के साथ आए आचार्य पुस्पेंद्र जी,संत स्वदेसानंद जी, संत कमेशानंद जी,विपिन महाराज, अवनीश कविराज,नरेंद्र महाराज, गोलू,पंकज,के साथ पत्रकार अनुरुद्ध द्वारा महाराज जी कि कथा को लाइव के माध्यम से भक्तो को दिखाया जा रहा हैं बही कथा में स्थानीय भक्त और कथा के जजमान शिवराज सिंह परिहार,कथाबाचक अयोध्याप्रसाद तिवारी,संजय तिवारी,रमेश देवांगन,मनोज सोनकर, उपेश दीक्षित, संजय परिहार, कृष्ण कुमार केसरवानी सहित सभी कमेटी के सदस्य और स्थानीय श्रोतागड़ों ने श्री रामनाम रूपी अमृत कथा का श्रवण किया


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