मुंगेली में अव्यवस्था हावी: नगर पालिका पर जनता का भरोसा टूटा

मुंगेली // कभी विकास की उम्मीदों से भरे सपनों का शहर माने जाने वाला मुंगेली आज बदहाली और अव्यवस्था का प्रतीक बन चुका है। शहर की सूरत- बिगाड़ने में प्रशासनिक उदासीनता और नगर पालिका की लापरवाह कार्यशैली को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
नगर विकास के लिए बहुत पैसे आया हैं लेकिन हाल ही में आए सीएमओ द्वारा उसका क्रियान्वित सही ढंग से नहीं कर पा रहे है नगर में आधारभूत सुविधाओं का बुरा हाल है। न तो बेहतर और दुरुस्त सड़कें हैं, न ही समय पर कचरा प्रबंधन की व्यवस्था। स्वच्छता को लेकर भी हालात चिंताजनक हैं। जगह-जगह जलभराव, गंदगी और अतिक्रमण से रोज़ाना लोग परेशान रहते हैं।स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि नगर पालिका बार-बार बड़े-बड़े वादे करती है, लेकिन धरातल पर योजनाओं का क्रियान्वयन कभी नहीं दिखता। सबसे बड़ी विडंबना यह है कि मौजूदा सीमाओं के भीतर ही मूलभूत सुविधाएँ देने में नाकाम नगरपालिका अब अपनी सीमाओं का विस्तार करने की बात करती है।लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब छोटी-सी सीमा में ही जनता को राहत नहीं मिल पा रही, तो विस्तार के बाद किस आधार पर विकास संभव होगा। नागरिकों का कहना है कि यदि प्रशासन और नगर पालिका ने अपनी प्राथमिक जिम्मेदारियों पर ध्यान नहीं दिया, तो मुंगेली के विकास के सपने यूँ ही कागज़ों और भाषणों में सिमटकर रह जाएंगे।





