नई दिल्ली प्रीतेश अज्जू आर्य ✍🏻: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा के पानीपत से बीमा सखी य़ोजना की शुरुआत की। भारतीय जीवन बीमा निगम की इस स्कीम को लॉन्च करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत महिला सशक्तीकरण की दिशा में लगातार कदम उठा रहा है।
आज का दिन और भी वजहों से विशेष है और आज 9 तारीख है। शास्त्रों में 9 अंक को बहुत शुभ माना जाता है और शक्ति से इसका संबंध है। उन्होंने कहा कि यह स्कीम महिलाओं को सशक्त करेगी और वह आर्थिक भागीदार बनेंगी। उन्होंने कहा कि हमने कई कल्याणकारी योजनाओं को महिलाओं के नाम पर शुरू किया है।
आइए जानते हैं, क्या है बीमा सखी योजना…
एलआईसी की बीमा सखी योजना के तहत 18 से 70 साल की आयु की महिलाओं को शामिल किया जाएगा, जो कम से कम 10वीं पास हों। इन महिलाओं को स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी और शुरुआती तीन साल तक एक निश्चित मानदेय भी मिलेगा। उन्हें यह भूमिका समाज में आर्थिक शिक्षा को बढ़ावा देने और बीमा के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए सौंपी जाएगी। बीमा सखियां समाज में एलआईसी के एजेंट के तौर पर काम करेंगी। यही नहीं ग्रैजुएशन कर चुकीं बीमा सखियों को भविष्य में एलआईसी के साथ डिवेलपमेंट ऑफिसर के तौर पर काम करने का मौका भी मिलेगा।
आज पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रतीकात्मक तौर पर कुछ बीमा सखियों को नियुक्ति पत्र भी सौंपे हैं। इस स्कीम के तहत बीमा सखियों को शुरुआती तीन साल तक 5 से 7 हजार रुपये का मानदेय मिलेगा। इसके बाद वह बीमा सखी के तौर पर काम करेंगी और उन्हें हर पॉलिसी पर कमिशन दिया जाएगा। एलआईसी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर इस योजना के लिए आवेदन किया जा सकता है। जानकारी के अनुसार इस योजना के तहत पहले से एलआईसी के साथ काम करने वाले कर्मचारियों के परिजनों को इसमें हिस्सेदारी का अवसर नहीं मिलेगा। 18 से 70 साल तक की ऐसी कोई भी महिला इस स्कीम के तहत आवेदन कर सकती है, जो 10वीं पास हो।
एक साल में दो लाख बीमा सखियां बनाने का टारगेट सरकार ने रखा है। इन महिलाओं को ट्रेनिंग के दौरान सैलरी दी जाएगी और पॉलिसी कराने पर अलग से कमिशन भी मिलेगा। वहीं टारगेट हासिल करने पर कुछ बोनस भी दिया जाएगा। सरकार का मानना है कि इससे बीमा के प्रति लोगों में जागरूकता आएगी और बड़े पैमाने पर महिला शक्ति को सक्रिय किया जाएगा। इससे वे आर्थिक व्यवस्था में हिस्सेदार बनेंगी और घर बैठे उन्हें एक रोजगार भी मिल सकेगा। पीएम मोदी इसे एक महत्वाकांक्षी योजना के तौर पर देख रहे हैं।