खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने छत्तीसगढ़ में थोक दुकानों और दाल मिलों में जमाखोरी के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। विभाग ने ग्राम पंचायत दोंदेकला स्थित सदगुरु उद्योग पर की गई आकस्मिक छापेमारी में 1,187.54 क्विंटल दाल का जमाखोरी का मामला सामने आया। इस दाल की बाजार कीमत करीब 1 करोड़ 78 लाख 13 हजार रुपये आंकी गई है।
रायपुर। दाल की बढ़ रही कीमतों का असर लोगों को परोसी जाने वाली थाली में पड़ रहा है। दाल बढ़ती कमीतों पर अंकुश लगाने के लिए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने थोक दुकान एवं दाल मिलों में जमाखोरी की जांच शुरू कर दी है। खाद्य विभाग की टीम द्वारा दाल मिल का लगातार निरीक्षण किया जा रहा है। ग्राम पंचायत दोंदेकला स्थित सदगुरु उद्योग की आकस्मिक निरीक्षण में 1,187.54 क्विंटल दाल जमाखोरी करते पाया गया। इस दाल का बाजार मूल्य 1 करोड़ 78 लाख 13 हजार रुपये बताई जा रही हैजांच में पहुंचे अधिकारियों ने भौतिक सत्यापन में 1408.30 क्विंटल दाल पाया गया। जबकि दाल मिलर द्वारा स्टॉक की घोषणा केंद्र सरकार के पोर्टल में ऑनलाइन एंट्री 220.76 क्विंटल की गई थी। ऑनलाइन एंट्री में अंतर मिलना खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण नियमों का उल्लंघन है। यह आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के अन्तर्गत दंडनीय अपराध है। मामले में दाल जब्त कर 21 अगस्त तक मिलर को नोटिस का जवाब देने का समय दिया गया है।
यह है नियम
दाल की जमाखोरी की रोकथाम करने और जरूरी वस्तुओं की कालाबाजारी पर लगाम लगाने के लिए दालों का थोक व्यापारी 200 मीट्रिक टन तक दालों का भंडारण कर सकते हैं। थोक व्यापारी एक समय में एक प्रकार की दाल का 100 मीट्रिक टन से अधिक भंडारण नहीं कर सकता है। फुटकर विक्रेताओं के लिए नियम है कि पांच मीट्रिक टन दालों का भंडारण कर सकते हैं। मिलर्स की स्टॉक की सीमा पिछले तीन महीने के उत्पादन या वार्षिक स्थापित क्षमता का 25 फीसदी होगी।खाद्य विभाग के नियंत्रक भूपेंद्र मिश्रा ने कहा, दाल की जमाखोरी को रोकने के लिए थोक और फुटकर व्यापारियों के साथ-साथ मिलर्स के पास दालों के भंडारण की समय सीमा तय कर दी है। दालों की कालाबाजारी और अवैध भंडारण की रोकथाम के लिए टीमें जांच कर रही हैं