मुंगेली प्रीतेश अज्जू आर्य ✍🏻नगर पालिका चुनाव के लिए गुरुवार को हुए आरक्षण ने कई दिग्गज पार्षदों के सामने नई चुनौती खड़ी कर दी है। सामान्य वार्ड के ओबीसी और महिला आरक्षित होने से उन्हें अब चुनाव लड़ने के लिए दूसरी जमीन तलाशनी पड़ेगी।
ऐसे में उन्हें आजू-बाजू के वार्डों में शिफ्ट होना पड़ेगा या फिर परिवार की महिलाओं को मैदान में उतारना पड़ेगा। नए आरक्षण कुछ ऐसे दिग्गजों को चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा जो पिछले आरक्षण में फंसने के कारण नगर पालिका की राजनीति से दूर हो गए थे।
पालिका चुनाव के आरक्षण को लेकर पिछले एक हफ्ते से हलचल शुरू हो गई थी। परिसीमन की वजह से ज्यादातर वार्डों में आरक्षण के बाद बदलाव तय माना जा रहा था।कहा जा सकता है। शहर की जिस तरह से राजनीतिक मिजाज रहा है उसके चलते इस बार भी पार्षद चुनाव लड़ने वाले दावेदारों की संख्या बढ़ेगी।राजनीति मे संभावनाओं पर भरोसा करने वाले कार्यकर्ताओ में आज हुए आरक्षण से कुछ लोगों में खुशी भी है। यही नहीं ऐसे कई वार्ड के मतदाता भी राहत की सांस ले रहे जो एक ही चेहरे और पार्षद चुनते-चुनते बोर होने लगे थे, उन्हें अब दोबारा नहीं चुनना पड़ेगा। वार्डों के आरक्षण होने के बाद अपने वार्ड से चुनाव लड़ने वाले वे दावेदार मायूस जरूर हुए है जो अब तक अपनी दावेदारी पुख्ता रूप से करते हुए नजर आ रहे थे।