साय सरकार का बड़ा फैसला: अब छत्तीसगढ़ में 24 घंटे खुली रहेंगी दुकानें

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रायपुर प्रीतेश अज्जू आर्य ✍🏻। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश में नया दुकान एवं स्थापना अधिनियम लागू कर दिया है, जिसके तहत अब दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान 24 घंटे खुले रह सकेंगे। सरकार ने पुराने 1958 के अधिनियम और 1959 के नियमों को निरस्त कर नया कानून लागू किया है, जिससे छोटे दुकानदारों को राहत मिलेगी और कर्मचारियों के अधिकारों का संरक्षण होगा।

छोटे दुकानदारों को राहत, कर्मचारियों को संरक्षण :

श्रम विभाग के अनुसार, नया अधिनियम पूरे राज्य में प्रभावी होगा, जबकि पुराना कानून केवल नगरीय निकाय क्षेत्रों तक सीमित था। नए नियमों के तहत अब केवल उन दुकानों और प्रतिष्ठानों पर यह कानून लागू होगा, जहां 10 या अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। पहले, बिना किसी कर्मचारी वाली दुकानें भी अधिनियम के दायरे में आती थीं, जिससे छोटे व्यापारियों को अनावश्यक पंजीयन प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता था।

पंजीयन शुल्क में बढ़ोतरी:

श्रम विभाग ने दुकान और प्रतिष्ठानों के पंजीयन शुल्क में बदलाव किया है। अब यह शुल्क 1,000 रुपये से 10,000 रुपये के बीच होगा, जबकि पहले यह 100 से 250 रुपये तक था। नए नियमों के तहत, सभी दुकानों और प्रतिष्ठानों को छह महीने के भीतर पंजीयन कराना अनिवार्य होगा, जो श्रम विभाग के पोर्टल shramevjayate.cg.gov.in पर ऑनलाइन किया जा सकेगा।

24 घंटे खुल सकेंगी दुकानें, साप्ताहिक अवकाश अनिवार्य :

नए नियमों के तहत दुकानें पूरे सप्ताह और 24 घंटे खुली रह सकती हैं, लेकिन कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश देना अनिवार्य होगा। महिला कर्मचारियों को भी रात में काम करने की अनुमति दी गई है, लेकिन इसके लिए सुरक्षा उपायों का पालन करना होगा। श्रम विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि सभी नियोजकों को अपने कर्मचारियों का रिकॉर्ड इलेक्ट्रॉनिक रूप से मेंटेन करना होगा और हर साल 15 फरवरी तक वार्षिक विवरण पोर्टल पर अपलोड करना आवश्यक होगा।

नए अधिनियम से क्या बदलेगा?

नए अधिनियम के तहत, निरीक्षकों की जगह फैसिलिटेटर और मुख्य फैसिलिटेटर नियुक्त किए जाएंगे, जो व्यापारियों और नियोजकों को मार्गदर्शन देंगे। इस कानून में अपराधों की कम्पाउंडिंग की सुविधा भी दी गई है, जिससे नियोजकों को कोर्ट की कार्रवाई से बचने का विकल्प मिलेगा। सरकार के इस निर्णय से व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, छोटे दुकानदारों को राहत मिलेगी और कर्मचारियों के अधिकारों का बेहतर संरक्षण हो सकेगा।


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