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पांच सौ साल का इंतजार हुआ पूरा, अयोध्या में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा ऐतिहासिक क्षण: डिप्टी सीएम साव


हाई स्कूल मैदान लोरमी में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए डिप्टी सीएम

जिले में हर्ष और उल्लास का माहौल, पूरा जिला हुआ राममय

मुंगेली / अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर जिले में हर्ष और उल्लाह का माहौल है। आज पूरे दिनभर जिले में राममय वातावरण रहा। जगह-जगह विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए। शासन की मंशानुरूप जिला प्रशासन द्वारा जिला और ब्लॉक स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किए गए। लोरमी के हाई स्कूल मैदान में आयोजित कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्रीअरूण साव मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर उनकी धर्मपत्नी भी उनके साथ मौजूद रही। कार्यक्रम के दौरान अयोध्या में नवनिर्मित श्रीराम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा अनुष्ठान का एलईडी वैन के माध्यम से लाइव प्रसारण किया गया, जिसे उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव सहित स्थानीय जन प्रतिनिधिगण, गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों ने देखा और प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के साक्षी बने।
कार्यक्रम स्थल में अतिथियों का माथे पर तिलक लगाकर और गमछा भेंटकर स्वागत किया गया। उप मुख्यमंत्री  साव ने मैदान में भगवान श्री राम लला की बेर से बने आकृति का दर्शन किया और महाआरती में शामिल होकर प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि व खुशहाली की कामना की। उन्होने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज ऐतिहासिक क्षण है। अयोध्या धाम में नवनिर्मित श्री राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान का आयोजन किया गया। 500 साल तक रामभक्त आज के इस ऐतिहासिक दिन का इंतजार कर रहे थे। आज भगवान राम के इस उत्सव को पूरे देश के लोग अपने-अपने तरीके से मना रहे हैं। पूरे गली, मोहल्लों को सजाया गया है तथा विभिन्न धार्मिक व सामाजिक संगठनों द्वारा उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन भगवान राम के प्रति स्नेह, श्रद्धा व सम्मान को बता रहा है।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने कहा कि छत्तीसगढ़ भगवान राम का ननिहाल है, जिसके कारण यहां खुशी और उमंग बहुत ज्यादा है। आज दीपावली जैसा उत्सव का वातावरण है और ऐसे वातावरण में मुंगेली जिले का लोरमी किसी से पीछे नहीं रहने वाला नहीं है। जिस बेर को शबरी माता ने भगवान राम को खिलाया था, वैसे 05 टन बेर से भगवान राम की आकृति बनाने का रिकार्ड यहां की धरती में बना है। उन्होने कहा कि यह केवल एक मंदिर का निर्माण नहीं है, बल्कि पूरे भारतवासी के मान-सम्मान और स्वाभिमान का प्रतीक है। एक स्वाभिमानी, समृद्ध, आत्मनिर्भर और खुशहाल भारत के निर्माण की मजबूत नींव आज अयोध्या में भगवान राम के मंदिर निर्माण के साथ हुई है। उन्होंने कार्यक्रम स्थल से पूरे छत्तीसगढ़ की जनता को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

कार्यक्रम के दौरान भक्तिमय गाने पर जमकर झूमे डिप्टी सीएम, मानस मंडलियों को किया गया सम्मानित

प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के अवसर पर कलाकारों द्वारा भक्तिमय सांस्कृतिक कार्यक्रम, मानस गायन और भगवान श्री राम द्वारा शबरी के जूठे बेर खाते हुए झांकी की मनमोहक प्रस्तुति दी गई। इस दौरान उप मुख्यमंत्री श्री साव भी अपने आप को भक्तिमय वातावरण में झूमने से नहीं रोक सके और वहां उपस्थित अतिथियों के साथ भक्तिमय गाने सुनकर जमकर झूमे। उन्होंनेे कार्यक्रम में पंजीकृत मानस मंडलियों को 05-05 हजार रूपए प्रोत्साहन राशि का चेक और तबला व हरमोनियम प्रदान कर सम्मानित किया। उप मुख्यमंत्री श्री साव मानस मंच लोरमी में नव निर्मित राम दरबार में भी पहुंचकर दर्शन प्राप्त किए और महाआरती में शामिल होकर सभी की खुशहाली के लिए कामना की। इस दौरान राम कथा समिति के सदस्य ने बताया कि नगरवासियों के सहयोग से मात्र 11 दिनों में इस राम दरबार का निर्माण पूर्ण कराया गया। कार्यक्रम के दौरान कलेक्टर श्री राहुल देव, पुलिस अधीक्षक श्री चंद्रमोहन सिंह, एटीआर के सहायक संचालक श्री विष्णु नायर, वन मंडलाधिकारी श्री सत्यदेव शर्मा, जिला पंचायत के सीईओ श्री प्रभाकर पाण्डेय, पूर्व विधायक श्री तोखन साहू, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती शीलू साहू, श्रीमती दुर्गा उमाशंकर साहू सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, पूर्व जनपद पंचायत अध्यक्ष वर्षा विक्रम सिंह, गणमान्य नागरिक, एसडीएम लोरमी श्री प्रवीण तिवारी सहित संबंधित अधिकारी और बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम में मंच का संचालन जिला कलेक्टोरेट के अधीक्षक श्री अशोक सोनी ने किया।

बेर से बने भगवान श्री राम लला की आकृति, रहा आकर्षण का केन्द्र

अयोध्या में भगवान श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर लोरमी के हाई स्कूल मैदान में 05 टन बेर से भगवान श्री राम के बालरूप की आकृति बनाई गई, जो आकर्षक का केंद्र रहा। बड़ी संख्या में लोग इसका दर्शन करने पहुंचे। इस आकृति की खास बात यह है कि अयोध्या के नवनिर्मित श्रीराम मंदिर में भगवान श्रीराम के जिस बालरूप की प्राण प्रतिष्ठा हुई है, उसी बाल रूप की आकृति मैदान मे बेर से उकेरी गई है। आयोजक समिति के सदस्य ने बताया कि इस आकृति को 30 से अधिक कलाकारों द्वारा 22 घंटे की कड़ी मेहनत से बनाया गया है, जो अपने आप में अनूठा रिकार्ड है।


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