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छत्तीसगढ़ में तोता या अन्य पक्षी पालने वालों को हो सकती है जेल 


प्रीतेश आर्य ✍🏻बिलासपुर : छत्तीसगढ़ के बिलासपुर वन विभाग ने तोता और अन्य पक्षियों की बिक्री करने, उसे पिंजरे में कैदकर पालने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगा। बिलासपुर DFO ने पक्षी पालने वालों को 7 दिन का अल्टीमेटम दिया है। सभी पक्षियों को पिंजरे से निकालकर कानन पेंडारी जू प्रबंधन को सौंपने कहा है । इसके लिए टोल फ्री (18002337000) नंबर भी जारी किया गया है। ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया जाएगा,जेल भी जाना पड़ सकता है आदेश के बाद तोता सहित पक्षी पालने वालों में हड़कंप मच गया है।

दरअसल, विभाग की निष्क्रियता और ध्यान नहीं देने के कारण धड़ल्ले से खरीदी- बिक्री हो रही है। प्रतिबंधित पक्षियों को लोग पाल भी रहे हैं। इस पर अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने नाराजगी जाहिर की है। राज्य पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ ने वन विभाग ने निर्देश पर प्रदेश भर में तोता सहित वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम की अधिसूची में दर्ज सभी पक्षियों को वन विभाग को सौंपने का आदेश जारी किया है।

पक्षी पालना है अपराध
वन विभाग के अफसरों के अनुसार तोता या अन्य पक्षी, जो वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 यथा संशोधित मई-2022 की अनुसूची में शामिल है, उनकी खरीदी, बिक्री और पालन करना पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है। इसे अपराध की श्रेणी में रखा गया है।

स्वस्थ पक्षी तत्काल किए जाएंगे आजाद
मुख्यालय से जारी आदेश में कहा गया है कि पक्षियों को पास के शासकीय चिड़ियाघर को सौंपे जाएंगे। अगर कोई पक्षी स्वस्थ है तो उसे तत्काल प्राकृतिक रहवास क्षेत्र में छोड़ना है। चिड़ियाघर में केवल उन्हीं पक्षियों को क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जाएगा, जो अस्वस्थ हैं। वन्य प्राणी डॉक्टर्स उनका इलाज करेंगे। जब वह पूरी तरह स्वस्थ हो जाएंगे, इन्हें जंगल में छोड़ दिया जाएगा।

विभाग द्वारा टोल फ्री नंबर जारी
पक्षियों की बिक्री, खरीदी और पालन पर रोक लगाने के लिए वन मुख्यालय स्तर पर एक टोल फ्री नंबर (18002337000) भी जारी हुआ है। इसके अलावा वन मंडल स्तर पर पर अधिकारी का नाम, पदनाम और मोबाइल नंबर जारी करने के निर्देश दिए हैं। इससे कहीं भी खरीदी-बिक्री करते नजर आए तो लोग इसकी सूचना दे सकें। सूचना मिलने के बाद विभागीय अमला तत्काल मौके पर पहुंचेगा।


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