मुँगेली प्रीतेश आर्य ✍🏻आज शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय छ ट न में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के द्वारा विश्व हिंदी दिवस का शुभारंभ मां सरस्वती विद्यादायिनी की मंगल अर्चना से प्रारंभ हुई l इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारी मोहन उपाध्याय ने बताया कि 14 सितंबर 1949 से हिंदी को राजभाषा के रूप में शामिल किया गयाl हिंदी विश्व की सबसे समृद्ध शाली भाषाओं में से एक हैl हिंदी साहित्य का विकास अपने आप में अनूठा हैl हिंदी जगत के मूर्धन्य विद्वान सूरदास एवं तुलसीदास जी ने भक्तिकालीन गाथाएं लिखी जो कि हमारे समाज के लिए सनातन धर्म के लिए मार्गदर्शन एवं एवं प्रेरणादाई सिद्ध हुआl हिंदी भाषा की लिपि देवनागरी लिपि हैl कुमारी प्रीति साहू ने कविता के माध्यम से अपना विचार व्यक्त कीजिए हिंदी हमारे माथे की बिंदी मैथिलीशरण गुप्त के द्वारा महिलाओं के जीवन पर प्रकाश डालते हुए हिंदी में कहा गया की महिलाओं की सशक्तिकरण में हिंदी की अपनी महत्वपूर्ण भूमिका हैl कुमारी प्रमिला मरकाम उन्हें नारे के रूप में बताया हिंदी हमारे भारतवासियों के लिए जिंदगी है प्राचीन काल से लेकर आधुनिक काल तक हिंदी साहित्य के इतिहास अद्भुत रही है भारतेंदु युग निराला युग छायावादी युग प्रगतिवादी युग में अनेक कवि कवित्री समाज सुधारक संत हुए जिन्होंने हिंदी के माध्यम से हमारे देश की उत्तरोत्तर प्रगति के लिए प्रयास किया lआज उन्हीं का देनहै कि हमारी भारतीय साहित्य विश्व में जगतगुरु के रूप में प्रसिद्ध है और विश्व के सभी क्षेत्रों में धर्म राजनीति विज्ञान खगोल शास्त्र जो किसी के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है भारत को आजाद करने में भी हिंदी की भूमिका रही है रोटी और कमल के माध्यम से पूरे देश भर में प्रचार प्रसार किया गया साथी गणेश उत्सव के माध्यम से लोग लोगों को एकत्रित किया गया जागरूक किया गया समानता की बात की गई इस अवसर पर प्राचार्य ए. डी. अंचल के पी डाहीरे, उमाकांत मिरी,अमीन सोनवानी, मीरकंठ साहू, अशोक सियारे, लालाराम घृतलहरे हेमचंद बार मते सुषमा गुप्ता, ज्योति सिंह, एलएन जोशी, राजकुमारी बंजारे, दयालुदास मानिकपुरी जेठू साहू संतोष सप्रे उपस्थित रहेl