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Aaj ka Panchang 09 January 2024: प्रदोष व्रत पर ‘वृद्धि’ योग समेत बन रहे हैं ये 5 अद्भुत संयोग, पढ़ें पंचांग


Aaj ka Panchang 09 January 2024: हर महीने कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। पौष महीने में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी 09 जनवरी को है। इस दिन भगवान शिव एवं मां पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही उनके निमित्त उपवास भी रखा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा करने से सकल मनोरथ सिद्ध होते हैं। साथ ही घर में सुख, समृद्धि और शांति आती है। ज्योतिषियों की मानें तो प्रदोष व्रत पर वृद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से सुख, समृद्धि और धन में वृद्धि होती है। आइए, आज का पंचांग एवं राहुकाल जानते हैं-शुभ मुहूर्तपौष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि देर रात 10 बजकर 24 मिनट तक है। इसके पश्चात, चतुर्दशी तिथि शुरू हो जाएगी। ज्योतिषियों की मानें तो आज ‘वृद्धि’ योग समेत 5 शुभ संयोग बन रहे हैं। ज्योतिष इन योग को शुभ मानते हैं। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। आज अभिजीत मुहूर्त का भी योग बन रहा है।योगआज पौष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर ‘वृद्धि’ योग का निर्माण हो रहा है। वृद्धि योग का निर्माण देर रात 12 बजकर 22 मिनट तक है। इसके बाद ध्रुव योग का निर्माण होगा। अभिजीत मुहूर्त का योग दोपहर 12 बजकर 07 मिनट से लेकर 12 बजकर 51 मिनट तक है। वहीं, गोधूलि मुहूर्त 05 बजकर 38 मिनट से 06 बजकर 06 मिनट तक है। इसके अलावा, गर और वणिज करण का निर्माण भी हो रहा है।सूर्योदय और सूर्यास्त का समयसूर्योदय – सुबह 07 बजकर 15 मिनट परसूर्यास्त – शाम 05 बजकर 41 मिनट परचन्द्रोदय- सुबह 06 बजकर 10 मिनट परचंद्रास्त- दोपहर 03 बजकर 20 मिनट परपंचांगब्रह्म मुहूर्त – सुबह 05 बजकर 27 मिनट से 06 बजकर 21 मिनट तकविजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 12 मिनट से 02 बजकर 54 मिनट तकगोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 38 मिनट से 06 बजकर 06 मिनट तकनिशिता मुहूर्त – रात्रि 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तकअशुभ समयराहुकाल – दोपहर 03 बजकर 04 मिनट से 04 बजकर 23 मिनट तकगुलिक काल – दोपहर 12 बजकर 28 मिनट से 01 बजकर 46 बजे तकदिशा शूल – उत्तरताराबलअश्विनी, भरणी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, रेवतीचन्द्रबल

वृषभ, मिथुन, कन्या, वृश्चिक, मकर, कुम्भ


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