मुंगेली, प्रीतेश अज्जू आर्य ✍🏻3 दिसंबर 2024:
हिंदू धर्म संस्कृति सुरक्षा मंच के तत्वावधान में बांग्लादेशी हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में आज मुंगेली में एक विशाल आक्रोश रैली का आयोजन किया गया। इस रैली का उद्देश्य भारत सरकार और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान इस गंभीर मुद्दे की ओर आकर्षित करना और पीड़ित समुदायों के लिए न्याय सुनिश्चित करना था।
रैली की शुरुआत पडावचौक से हुई, जो गोल बाजार, पुराने बस स्टैंड, और दाउदपारा से होती हुई समाप्त हुई। हजारों की संख्या में उपस्थित जनसमूह ने “बांग्लादेशी हिंदुओं को न्याय दो” जैसे नारों के साथ अपना आक्रोश प्रकट किया। पडावचौक पर आयोजित एक जनसभा में वक्ताओं ने इस मुद्दे पर अपनी चिंता और समाधान के सुझाव व्यक्त किए।
प्रमुख वक्ताओं के विचार:
- भैया लाल परिहार (हिंदू धर्म संस्कृति सुरक्षा मंच): “यह समस्या केवल बांग्लादेश तक सीमित नहीं है। हमें संगठित होकर इन घटनाओं का विरोध करना होगा।”
- बंटी मक्कड़ (सिख समाज, जिला अध्यक्ष): “हिंदू समाज की एकजुटता ही हमारी शक्ति है। हमें बांग्लादेश में हो रही इस हिंसा के खिलाफ मजबूती से खड़ा होना होगा।”
- महंत श्री राधेश्याम दास (राम जानकी मंदिर, शिवगंगा): “जातिवाद को त्यागकर हिंदू समाज को संगठित होना होगा। यही एकता हमें ऐसी हिंसाओं से बचा सकती है।”
- अरविंद वैष्णव (वरिष्ठ कांग्रेस नेता): “भारत सरकार को बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाना चाहिए और इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में उठाना चाहिए।”
- हरिकिशन कुर्रे: “भारत में हिंदू समाज को जातिगत भेदभाव छोड़कर एकता कायम करनी होगी।”
- नरेश अग्रवाल: “यह हिंसा मानवता के लिए एक गंभीर संकट है। इसे रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्रवाई होनी चाहिए।”
- शिवकुमार बंजारा: “बांग्लादेश में हो रही घटनाएं हमें एकजुट होने का संदेश देती हैं। केवल एकता ही हमारी संस्कृति और धर्म की रक्षा कर सकती है।”
- गायत्री प्रसाद साहू: “हिंसा का कोई स्थान नहीं है। बांग्लादेश सरकार को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।”
- पीताम्बर सिंह ठाकुर ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्या की जा रही हैं। संतों के साथ बुरा व्यवहार किया जा रहा है, मंदिरों में तोडफोड़ की जा रही है। भारत की केन्द्र सरकार को इसको रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने पड़ेंगे।
विशेष कदम:
सभा के अंत में मंच की ओर से दाऊपारा में संयुक्त कलेक्टर श्री अजय शतरंज जी को राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के नाम एक ज्ञापन दिया गया। इसमें बांग्लादेश सरकार से हिंसा पर तत्काल रोक लगाने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई। साथ ही, इस विषय को वैश्विक मंचों पर उठाने और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में प्रमुखता दिलाने की अपील की गई।
उल्लेखनीय उपस्थिति:
इस आयोजन में मुंगेली के प्रमुख सामाजिक और राजनीतिक नेताओं ने भाग लिया। इनमें प्रद्युम्न तिवारी संदीप ताम्रकार, लव सिंह,आकाश परिहार, जेठमल जी कोटडिया,पुहुप साहू ,रमेश कुलमित्र,ब्रह्मदत्त त्रिपाठी,विजय नंदवानी, पद्मराज सिंह, संदीप सिंह ,यशवंत सिंह,दीपक सोनकर,संदीप ताम्रकार,राजकुमार कश्यप रामावतार साहू,मोहन साहू,आकाश सोनी,बंटी जैसवाल, संजय गोस्वामी,संतोष साहू, धनेश साहू, प्रभाकर सिंह,रामावतार साहू, नवरत्न जैन,प्रकाश संतवानी , , लेखु साहू , प्रवीण वैष्णव ,जय जय सिंह राजपूत, संजय सिंह , पूनम सिंह, डोमन दीक्षित , शेषपाल बैश ,रोशन पेंढारकर, दुखू साहू, मनोज , खेमेंश्वर पुरी गोस्वामी तरुण किशोर ,राजू पाठक , प्रदुम्न तिवारी, , योगानंद साहू ,नोहर साहू ,मोहन भोजवानी ,जवाहर कुंभकार ब्रजेश मिश्रा , अमन यादव , अमन। सिंह ,, संतोष जायसवाल , राजेश सिंह, दिलीप साहू, अतुल साहू , मनीष वैष्णव ,प्रवीण सोनी , रामकिंकर सिंह अरविन्द सिंह राजपूत, पोषण सिंह, हुकुम सिंह,चन्द्रहास गोस्वामी, मेला राम साहू, हिरेन्द्र जायसवाल, विश्वधर सिंह, दानी सिंह, की विशेष भूमिका रही।
हिंदू धर्म संस्कृति सुरक्षा मंच ने संकल्प लिया कि बांग्लादेशी हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक पीड़ितों को न्याय नहीं मिलता।