धर्म-संस्कृतिमुंगेलीरथ यात्रा

*ग्राम कोदवा बानी में जगन्नाथपुरी की रथ यात्रा निकाली जाएगी*


खबरदार न्यूज़ ✍🏻*मुंगेली* प्रतिवर्ष की भांति इस बार भी जिले के निकटस्थ ग्राम कोदवा बानी में 27 जून 2025 को भगवान श्री जगन्नाथ जी अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ भक्तों को दर्शन देने पवित्र रथ पर सवार होकर गांव के विभिन्न मोहल्लें में भ्रमण पर निकलेंगे।

यह दिन केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि आस्था, समर्पण और आनंद का महापर्व होता है, इस दिन जब पूरा संसार पुरी धाम की ओर निहारता है। यह मान्यता है कि रथ खींचने से जन्मों के पाप कट जाते हैं और मोक्ष की ओर मार्ग प्रशस्त होता है। श्रद्धालुजन “जय जगन्नाथ” के उद्घोष के साथ रथ खींचते हैं।
भगवान जगन्नाथजी मानव-धर्म, मानव-संस्कृति और विराट विश्व-चेतना के साक्षात् मूर्तिमान रूप हैं। समस्त मानव जाति को दर्शन देने, दु:खी मनुष्यों का कल्याण करने व अज्ञानी और अविश्वासी लोगों का भगवान पर विश्वास बनाये रखने के लिए जगन्नाथजी वर्ष में एक बार अपने साथ बड़े भाई और बहिन सुभद्रा को लेकर रथयात्रा करते हैं। यह यात्रा आषाढ़ शुक्ल द्वितीया तिथि को होती है। रथयात्रा में जाति, धर्म, वर्ग व भाषा के बंधनों से मुक्त होकर सम्पूर्ण समाज आपस में एक हो जाता है।
रथों पर विराजमान भगवान जगन्नाथजी, बलभद्रजी व सुभद्राजी के विग्रहों को छूने का भक्तों को सौभाग्य केवल रथयात्रा के दौरान ही मिलता है ।
भगवान की रथयात्रा यही संदेश देती है कि यदि इस शरीर रूपी रथ पर श्रीकृष्ण को आरुढ़ कर दिया जाए तो कंस रूपी पाप-वृतियां अपने-आप समाप्त हो जाएंगी और शरीर और उसमें स्थित आत्मा स्वयं दिव्यता धारण कर लेगें ।
भाजपा नेता व भाजयुमो जिला मीडिया प्रभारी अरविन्द सिंह राजपूत ने बताया कि ग्रामीण अंचल में रथ यात्रा निकालने की शुरुआत ग्राम कोदवा बानी के प्रतिष्ठित नागरिक व प्रेरणा स्रोत, मार्गदर्शक ठाकुर स्व.जीवन सिंह (उमेंदी सिंह) जी के सानिंध्य में आज भी प्रासंगिक है।
रथ यात्रा केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि भक्ति, सेवा और समर्पण का पर्व है।
“सबको साथ लेकर चलना ही तो रथ है,
और सबको अपना मान लेना ही तो प्रभु का पथ है!”


Pritesh Arya

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