यह पूरा मामला धीरेन्द्र शास्त्री के एक विवादास्पद बयान से जुड़ा हुआ है। दरअसल, जब प्रयागराज महाकुंभ का आयोजन चल रह था तब 27 जनवरी 2025 धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था कि महाकुंभ में हर व्यक्ति को आना चाहिए। जो नहीं आएगा, वह पछताएगा और देशद्रोही कहलाएगा।
महाकुंभ में दिए गए इस बयान पर शहडोल के सीनियर एडवोकेट संदीप कुमार तिवारी ने 3 मार्च 2025 को जिला कोर्ट में परिवाद दायर किया था। इसी पर 15 मई को प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट सीताशरण यादव की कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। एडवोकेट तिवारी ने 4 फरवरी को शहडोल के सोहागपुर थाने में शिकायत दी थी।
पुलिस द्वारा कार्रवाई न करने पर पुलिस अधीक्षक को शिकायत भेजी गई। कार्रवाई नहीं होने पर 3 मार्च 2025 को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष परिवाद प्रस्तुत किया। उन्होंने पंडित धीरेंद्र कृष्णा पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। एडवोकेट तिवारी का कहना है कि शास्त्री का यह बयान की “कुंभ नहीं जाने वाला देशद्रोही है” संविधान की मूल भावना और धर्मनिरपेक्षता के विरुद्ध है।