गीता के उपदेशों से गूंजा विद्यालय परिसर – फास्टरपुर में श्रद्धा और उत्साह से मनाई गई गीता जयंती

गीता जयंती समारोह – विस्तृत विवरण
शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय फास्टरपुर, मुंगेली
शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय फास्टरपुर में आज दिनांक 01/12/2025 को गीता जयंती का पावन अवसर बड़े ही हर्ष, उल्लास और आध्यात्मिक वातावरण में मनाया गया। विद्यालय परिसर को साफ–सुथरा कर रंगोली एवं पुष्प सजावट के साथ आकर्षक रूप दिया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं दिव्य मंत्रोच्चार के साथ हुआ।
समारोह के प्रथम चरण में विद्यार्थियों द्वारा श्रीमद्भगवद्गीता के अध्यायों एवं श्लोकों का सामूहिक पाठ किया गया, जिसने पूरे वातावरण को पवित्रता से भर दिया। इसके बाद विद्यार्थियों ने गीता के उपदेशों पर आधारित निबंध, भजन-कीर्तन, प्रश्नोत्तरी प्रस्तुतियाँ दीं, जिनसे सभी उपस्थितजन विशेष रूप से प्रभावित हुए।
डॉ रामबाबू मिश्र ने अपने उद्बोधन में गीता को जीवन का श्रेष्ठ मार्गदर्शक बताते हुए, उसमें वर्णित कर्मयोग, ज्ञानयोग और भक्ति के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि गीता मनुष्य को कठिन परिस्थितियों में धैर्य, साहस और सही निर्णय लेने की प्रेरणा देती है।
कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य डॉ पुर्णिमा मिश्रा एवं स्टाफ द्वारा विजेता विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। साथ ही, सभी को गीता के आदर्शों को दैनिक जीवन में अपनाने का संदेश दिया गया। कहा
भारतामृतसर्वस्वं विष्णोर्वक्राद्विनिःसृतम् । गीतागङ्गोदकं पीत्वा पुनर्जन्म न विद्यते ॥
यह श्लोक गीता-माहात्म्य में आता है
“भारत (महाभारत) अमृत का सार रूप श्रीमद्भगवद्गीता है। यह भगवान विष्णु के मुखकमल से प्रकट हुई दिव्य वाणी है। जो व्यक्ति गीता रूपी गंगा का जल (अर्थात गीता के उपदेश) पान करता है, अर्थात इसे पढ़ता-समझता-अनुसरण करता है, उसका पुनर्जन्म नहीं होता।”
गीता महाभारत का सार है और भगवान विष्णु द्वारा कही गई पवित्र वाणी है। जो भी व्यक्ति श्रद्धा से गीता का अध्ययन करता है, उसे जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिलती है।
पूरे आयोजन में विद्यालय परिवार, सभी शिक्षकगण एवं छात्र-छात्राओं का सहयोग सराहनीय रहा। विद्यालय में गीता जयंती का यह कार्यक्रम धूमधाम, शांति और आध्यात्मिक उल्लास के साथ सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।





