दीपावली त्यौहार में मिट्टी के दीए कुम्भकारों से खरीदने की अपील
मुंगेली प्रीतेश अज्जू आर्य ✍🏻// उप मुख्यमंत्री एवं नगरीय प्रशासन विकास विभाग मंत्री अरुण साव के निर्देशानुसार कलेक्टर राहुल देव द्वारा एक पहल करते हुए मिट्टी के दीये विक्रय पर कर नहीं लगाने को लेकर आदेश जारी किया गया है। जिसके मुताबिक अब जिले के नगरीय निकायों में दीया विक्रेताओं से कोई कर नहीं लिया जाएगा। कलेक्टर द्वारा एसडीएम, सीएमओ एवं संबंधित अधिकारियों को जारी आदेश का पालन सुनिश्चित करने निर्देशित किया गया है। गौरतलब है कि दीपावली पर्व पर कुम्हार एवं अंचल के ग्रामीणों द्वारा मिट्टी के दीये बनाए जाते हैं तथा इन्हें बाजारों में बेचने के लिए लाया जाता है। मिट्टी के दीया बेचने में ग्रामीणों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसका भी पूरा ध्यान रखने निर्देशित किया गया है। वहीं कलेक्टर ने कुम्भकारों से मुलाकात के दौरान इसके संबंध में जानकारी दी। कुम्भकारों ने जिला प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया।
कलेक्टर एवं एसपी ने कुम्भकारों से खरीदा दीया, चाक में आजमाया हाथ
कलेक्टर राहुल देव एवं पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल आज जिला मुख्यालय के बड़ा बाजार स्थित कुम्हारपारा पहुंचे। उन्होंने कुम्भकार कन्हैयालाल, भरत कुम्भकार और दुर्गा कुम्भकार के घर पहुंचकर मिट्टी के दीये बनाने की विधि का बारीकी से अवलोकन किया और लागत मूल्य, विक्रय से होने वाली आमदनी आदि के संबंध में जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने श्री कन्हैया कुम्भकार के घर स्वयं चाक में हाथ आजमाकर दिये बनाए। उन्होंने छत्तीसगढ़ की परंपरा और संस्कृति को सहेज कर रखने वाले कुम्भकारों के कार्यों की सराहना की और उनसे मिट्टी के दीये खरीदकर उनका उत्साहवर्धन किया।
कुम्भकारों को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना अंतर्गत प्रशिक्षण दिलाने दिए निर्देश
कलेक्टर ने कहा कि दीपावली त्यौहार छत्तीसगढ़ की परंपरा और संस्कृति से जुड़ा हुआ प्रमुख त्यौहार है। इस त्यौहार में प्रत्येक वर्ष लाखों की संख्या में दीये जलाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि कुम्भकार समाज बहुत मेहनती समाज है। उनमें काफी प्रतिभा और हुनर होता है। दीये के साथ बहुत सुंदर मूर्तियों सहित अन्य सामग्रियों का भी निर्माण करते हैं। कलेक्टर ने कुम्भकारों के परंपरागत व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए जिले के प्रत्येक नागरिकों से दीपावली त्यौहार में मिट्टी के दीये सहित मिट्टी के अन्य सामग्री कुम्भकारों से खरीदने की अपील की। उन्होंने कुम्भकारों को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना अंतर्गत प्रशिक्षण के साथ लाभ दिलाने संबंधित अधिकारी को निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने जिन कुम्भकारों को चाक उपलब्ध नहीं कराया गया है। उनका सत्यापन कर चाक उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि आज तक हमने मिट्टी का दीया जलाया था, बनाया नहीं था। आज अपने हाथ से दीया बनाने से पता चला कि दिया बनाना कितना कठिन काम है। हमारे कुम्भकार भाई लोग बहुत मेहनत करते हैं, खेत से मिट्टी लाकर दीया बनाते हैं। इसके लिए विभिन्न प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। मिट्टी के दीये का हमारी परम्परा एवं संस्कृति में बड़ा महत्व है। उन्होंने आमजनों को मिट्टी का दीया उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया, ताकि कुम्हारों को बेहतर आय एवं रोजगार मिल सके। कुम्हारों ने चर्चा के दौरान बताया कि दीपावली पर्व को ध्यान में रखते हुए उनके द्वारा वृहद मात्रा में दीये का निर्माण किया जा रहा है। इसे बाजार में विक्रय किया जाएगा। यह उनका परम्परागत व्यवसाय है, इससे उनके परिवार को जीविकोपार्जन हो जाता है। वे अपने इस कार्य से काफी खुश हैं। कुम्हारों ने दीये बनाने के लिए मिट्टी उपलब्ध नहीं होने की समस्या बताई। कलेक्टर ने इस समस्या के समाधान के लिए उचित आश्वासन दिया। इस अवसर पर संबंधित अधिकारी मौजूद थे।